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अंधेरी खिड़की की पुकार

वह जीवन जिसने सब कुछ बदल दिया

निशा, हैदराबाद में 15वीं मंजिल पर रहने वाली 16 साल की लड़की, अपने इंस्टाग्राम लाइव के लिए स्कूल में मशहूर थी। वह मेकअप ट्यूटोरियल और टीनएज लाइफ की बातें शेयर करती थी। एक रात, लाइव के दौरान, एक अनजान फॉलोअर ने कमेंट किया, “अपने पीछे की खिड़की देखो।” निशा ने पलटकर देखा, लेकिन खिड़की काली थी, सिर्फ उसका चेहरा और फोन की रोशनी दिख रही थी। उसे लगा कि कुछ हिला, जैसे कोई और वहां हो। कमेंट्स की बाढ़ आ गई: “कोई तुम्हारे पीछे है!” “तुम्हारी परछाई गलत है!” निशा ने हंसकर इसे ट्रोलिंग समझा और लाइव बंद कर दिया।

खिड़की का सपना

उसी रात, निशा को एक सपना आया। खिड़की में उसका कमरा नहीं, बल्कि एक काला खालीपन दिखा। एक पीला हाथ खिड़की पर अंदर से थपथपाया। वह पसीने से भीगकर जागी। खिड़की धुंधली थी, जैसे किसी ने उस पर सांस ली हो। उसने कांच साफ किया, लेकिन वह बर्फ जैसा ठंडा था। अगले दिन, लाइव के दौरान, फॉलोअर्स ने फिर चेतावनी दी, “खिड़की अलग दिख रही है, निशा!” उसने देखा, और एक पल के लिए, उसका रिफ्लेक्शन सफेद आंखों वाला था, बिना पुतलियों के, मुस्कुराता हुआ, जबकि वह गंभीर थी। लाइव क्रैश हो गया, और फोन रीस्टार्ट हो गया।

द नाइट कॉल

निशा ने लाइव करना बंद कर दिया, लेकिन खिड़की उसे पुकारने लगी। रात में, उसे हल्की खटखट सुनाई दी, जैसे नाखून कांच पर खरोंच रहे हों। पास जाने पर, उसने खिड़की के अंदर की तरफ गीले पैरों के निशान देखे। उसने खिड़की बंद की, लेकिन वह अपने आप खुल गई। हवा भारी हो गई, गीली मिट्टी और सड़न की गंध से भरी। व्हाट्सएप पर बिना नंबर के मैसेज आए: “मुझे अंदर आने दे, निशा। मैं तुम ही हूं।” उसने ब्लॉक किया, लेकिन मैसेज आते रहे, अब उसके सोते वक्त कमरे के असंभव कोणों से खींची गई तस्वीरों के साथ।

पंडित और प्रेत आत्मा

निशा ने अपनी दोस्त काव्या को बताया। काव्या ने एक पंडित को बुलाने का सुझाव दिया। पंडित ने खिड़की देखी और डरकर भाग गया, “प्रेत आत्मा” के बारे में बुदबुदाते हुए, जो पहचान चुराता है। उसने एक तावीज छोड़ा, लेकिन उस रात तावीज अपने आप जल गया, और खिड़की जोर से खुल गई। निशा ने अपना रिफ्लेक्शन देखा, लेकिन वह अब उसकी नकल नहीं कर रहा था। वह करीब आया, कांच से बाहर निकलता हुआ, उसका चेहरा, लेकिन ग्रे, टूटी त्वचा और खाली आंखें। “तूने मुझे दुनिया को दिखाया,” वह चीज निशा की आवाज में फुसफुसाई। “अब मैं रहूंगी।”

निशा का अंत

निशा भागना चाहती थी, लेकिन उसके पैर नहीं चले। रिफ्लेक्शन ने उसे पकड़ लिया, और उसने अपनी त्वचा को धुंआ बनते महसूस किया। जब परिवार ने उसे पाया, वह खिड़की के सामने मुस्कुराते हुए बैठी थी, लेकिन उसकी आंखें सफेद थीं। इंस्टाग्राम पर उसकी लाइव फिर शुरू हुईं, लेकिन अब वह चीज पोस्ट कर रही थी, निशा का चेहरा और आवाज इस्तेमाल करते हुए। हर लाइव में, खिड़की के पीछे एक नया चेहरा दिखता था, अगला जो उस पुकार का जवाब देगा।

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